Home Page Spread the love योग: “सर्वे भवंतु सुखिनः” भारत में स्वास्थ्य केवल रोगों से मुक्ति नहीं है, बल्कि पूर्ण आनंद, शांति और तंदुरुस्ती का अनुभव है।योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। यह आत्मा, मन और शरीर को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया है।योग जीवन के हर क्षेत्र में कुशलता लाने का माध्यम है।” हम सभी इस पवित्र मार्ग पर चलें और तंदुरुस्ती की नई ऊंचाइयों को छुएं ! “ यम :अहिंसा: , सत्य: , अस्तेय: , ब्रह्मचर्य: , अपरिग्रह: नियम (आत्म-अनुशासनशौच: संतोष: तप: स्वाध्याय: ईश्वर प्रणिधान: आसन (शारीरिक मुद्रा)शरीर की लचीलापन,संतुलन और सहनशक्ति बढ़ाता है। प्राणायाम (श्वास नियंत्रण)पूरक: सांस लेना। रेचक: सांस छोड़ना। कुंभक: सांस को रोकना। प्रत्याहार (इंद्रिय नियंत्रण)ध्यान के लिए मन को बाहरी विकर्षणों से मुक्त करना। धारणा (एकाग्रता)एकाग्रता और ध्यान के अभ्यास की शुरुआत। Contact Us : yogmitra19@gmail.com Bhatar Surat Gujrat